जमशेदपुर में लगभग 75000 की सँगत थी
बाबाजी 9;08 में डेरे में आये और लंगर में दृष्टि दी और लंगर होते हुवे पंडाल में आ गये , करीब क़रीब 60 मिनट के संत्सग के बाद बाबाजी ने कार दर्शन दे कर सँगत को निहाल किया
उसके बाद क़रीब क़रीब 35 मिनट तक सवाल जवाब हुवे सवाल जवाब के पहले एक बच्ची ने बहुत सुदंर शब्द किया जिससे बाबाजी और सँगत की आँखों मे आँसू आ गये
सवाल जवाब में बाबाजी ने खूब सँगत को हसाया और बहुत अच्छे सवाल जवाब हुवे
एक लडक़ी ने सवाल किया कि ये नाम क्या है
बाबाजी का जवाब — इस नाम से सृस्टि की रचना हुई है और इस शब्द से सृष्टि चल रही है
लड़की — ये काल क्या है
बाबाजी — परमात्मा ने ही काल की रचना की है अगर काल की रचना नहीं की होती तो सबी वहमों और ब्राह्मो में फंसे होते इसलिए काल की रचना की ताकि दयाल का मतलब भी समझ मे आये
लड़की — बाबाजी अगर हम नाम की कमाई के बगैर हमें मुक्ति मिल सकती हैं
बाबाजी — नहीं , हाँ अगर उससे भजन सिमरन नही होता। है तो कोई बात नहीं । वह जरूर बैठे स्वामी जी महाराज संत्सग में फ़रमाया करते थे भले भजन सिमरन नहीं बनता पर अपनी ड्यूटी समझ कर बैठो बाकी परमात्मा की मर्जी
लड़का — बाबाजी हमें दान देने से कर्म हल्के होते है
बाबाजी — हमें दान देना चाहिए लेकिन उस जगह पर जहाँ सँगत में ख़र्च हो पाता चला आपने दान दिया और वह शराब पी रहा है मांस खा रहा है तो उसके सारे कर्मो का बोझ दान देने वाले के ऊपर ही आयगे इसलिए जहाँ भी दान देते हैं सोचसमझकर दान दीजिये..🙏
राधा स्वामी जी 🙏🙇